आपातकाल के दौरान शांति भूषण ने आंदोलन में हिस्सा लिया था। बाद के दौर में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई आंदोलनों में शिरकत की। शांति भूषण को संविधान विशेषज्ञ के तौर पर भी जाना जाता था। वो पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
पूर्व कानून मंत्री और प्रशांत भूषण के पिता शांति भूषण का 97 साल की उम्र में निधन हो गया। वरिष्ठ वकील शांति भूषण कई सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन से भी जुड़े रहे थे। साल 1977 से 1979 तक मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें देश का कानून मंत्री बनाया गया था।
आपातकाल के दौरान शांति भूषण ने आंदोलन में हिस्सा लिया था। बाद के दौर में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई आंदोलनों में शिरकत की। शांति भूषण को संविधान विशेषज्ञ के तौर पर भी जाना जाता था। वो पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
शांति भूषण कांग्रेस (ओ) पार्टी और बाद में जनता पार्टी के एक सक्रिय सदस्य थे। वे 14 जुलाई, 1977 से 2 अप्रैल 1980 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। 1980 में वे बीजेपी में शामिल हो गए।
हालांकि, 1986 में जब बीजेपी ने एक चुनाव याचिका पर उनकी सलाह नहीं मानी, तो उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण अन्ना आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे।